Dec 3, 2023
अर्धनिर्मित होने के एहसास में
सूर्य आज तक फेरी लगाता है
आसमान और धरती के अर्धर्निर्मित मिलन को
बस अनंत ही तो समझाता है
हम कल्पना करते हैं सृष्टि के रहस्यों की
पर सदियों से पृथ्वी का प्राण बनी इस हवा को
हर शख्स से गुजरना कौन बताता है
अर्ध निर्मित है दुनिया हमारी
तभी तो देखते देखते वक्त बदल जाता है
अर्ध निर्मित ही तो है यह एहसास जो भावनाओं को शब्दों का रूप दे जाता है
किताब का आखरी पन्ना पढ़ने के बाद भी उस कहानी का किरदार सदा के लिए यूं ही साथ ठहर जाता है
अर्धनिर्मित ही तो थी वह कहानी
भला किसी और को कोई पूरा कहां लिख पाता है।।